—हिन्दू आध्यात्म एवं सेवा मेला शुरू
जयपुर 23 सितम्बर । द्वितीय हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला का शुभारंभ शुक्रवार को जयपुर के एस.एम.एस इन्वेस्टमेन्ट ग्राउण्ड हुआ। हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउण्डेशन, जयपुर द्वारा आयोजित इस हिन्दू मेले के उद्घाटन समारोह में महामण्डलेश्वर पू. अवधेशानन्दगिरी जी का आशीवर्चन मिला। समाज—बंधुओं को संबोधित करते हुए अवधेशानन्दगिरी जी ने कहा कि हमारी निजता का बोध कराये उसी को आध्यात्म कहते है, हमारा आध्यात्म प्रेम, सेवा, संवेदना है जो हमारी विराटता का बोध कराती है। उन्होनें कहा कि पश्चिम का दृष्टिकोण है कि पूरा विश्व बाजार है, जबकि भारतीय दृष्टिकोण परिवार का है। उन्होंने यह भी कहा कि विश्व शांति का मार्ग राजनीति या हथियारों के गलियारों से होकर नहीं बल्कि आध्यात्मिक गलियारों से गुजरता है।
राष्ट्र की मजबूती में ऐसे मेले आवश्यक—कल्याणसिंह
मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने कहा कि व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र एक दूसरे से जुडे है। राष्ट्र की मजबूती के लिए इस प्रकार के मेलो का उद्देश्य मानवीय व पारिवारीक मूल्यों को बढावा देना है, ताकि संयुक्त परिवार बन रहे। यह चिन्ता का विषय है की नौकरी के कारण परिवार एकल हुए। जिनमें बच्चों को बडों का सानिघ्य नहीं मिल पाता है।
साहित्य का अनुवाद अन्य भाषा में भी
अक्षयपात्र फाउण्डेषन के उपाध्यक्ष पू. मधुपण्डित दास ने कहा कि ऐसे मेलों से हम एक दूसरे से परिचित होते है। सन्तान धर्म जीवन के प्रत्येक क्षेत्र का विकास करता है। आध्यात्मिक संगठन सदैव मानव सेवा में लगे रहते है। उन्होनें कहा कि सनातन धर्म के विस्तार के लिए आध्यत्मिक एवं भारतीय साहित्य का अनुवाद अंग्रेजी व अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध होना चाहिए।
कार्यक्रम में पू. साध्वी विजयाउर्मिली, पूं. संवित् सोमगिरी जी महाराज, फाउण्डेषन के अध्यक्ष डाॅ. सुभाष बाफना, उपाध्यक्ष डाॅ. एम.एल. स्वर्णकार, ट्रस्टी श्रीमति राजलक्ष्मी भी उपस्थित थी। कार्यक्रम में खेलकूद प्रतियोगितों के विजेताओं को रा.स्वयंसेवक संघ राजस्थान क्षेत्र प्रचारक श्री दुर्गादास जी एवं क्षेत्र सेवा प्रमुख श्री शिवलहरी जी ने पुरस्कृत किया। मेला स्थल पर गंगा-गौ-वृक्ष वन्दन का कार्यक्रम भी हुआ।