विसंकेजयपुर संवाददाता
जयपुर, 27 सितम्बर। संघ कार्यालय भारती भवन में नए गणवेश की पेंट व मोजों की बिक्री बुधवार को शुरू हुई। कार्यालय पर वस्तुभण्डार का कार्य देखने वाले 84 वर्षीय वरिष्ठ प्रचारक श्री सत्यनारायण ने स्वयं नूतन गणवेश धारणकर डेमोस्ट्रेशन के साथ गणेवश का पूजन एवं बिक्री का कार्य आरंभ किया।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उन्नतिशील विचारों का संगठन है वह युगानुकूल परिवर्तनों का पक्षधर रहा है समय समय पर होने वाले परिवर्तन इसी का परिचायक हैं। संघ के गणवेश में भी प्रारंभ से ही परिवर्तन होते आए हैं पिछले वर्षों से बेल्ट में भी परिवर्तन हुआ था, चमड़े के स्थान पर रेग्जिन का बेल्ट उपयोग में लिया जा रहा है । अब इस वर्ष विजयदशमी से खाकी नेकर के स्थान पर भूरे रंग का फुल पेंट एवं खाकी मोजे के स्थान पर भूरे रंग के ही मोजे नवीन गणवेश का अंग होंगे। जानकारी के अनुसार संघ की जयपुर ईकाई का10 हजार स्वयंसेवकों का विशाल पथसंचलन विजयदशमी पर निकलेगा, शाखा से जुड़े प्रत्येक स्वयंसेवक की इच्छा है कि इस नवीन गणवेश में प्रथम बार होने वाले इस संचलन के ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बना जाए।
संघ के राजस्थान क्षेत्र के प्रचार प्रमुख महेंद्र सिंघल को गणेवश के परिवर्तन के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि परिवर्तन मात्र आचार पद्धति का हिस्सा है न कि सिद्धान्त,व्यवहार अथवा लक्ष्य का, संघ की मूल भावना तो यही है भारत मां को शीघ्रातिशीध्र परमवैभव के शिखर पर ले जाया जाए एंव संघ निरंतर अपने झ्स लक्ष्य की प्राप्ति की और बढ़ता भी जा रहा है। साथ में उन्होने यह भी बताया कि न केवल युवा स्वयंसेवकों में अपितु प्रोढ़ स्वयंसेवको में भी नवीन गणवेश को लेकर बहुत उत्साह है।