—रामनिवास बाग से निकली शोभायात्रा
विसंकेजयपुर
जयपुर, 15 अक्टूबर। ‘समरसता संगम’ के तहत विद्या भारती राजस्थान की ओर से शनिवार को जयपुर नगर में शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में राजस्थान भर से दर्जनों झांकियां शामिल हुई। झांकियों में सेवा प्रकल्पों से जुडे नन्हें—नन्हें बालकों ने विविध रूपधर कर झांकियों के माध्यम से समरसता और शोर्य के संदेश दिए। जैसे एक झांकी में मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम शबरी के बेर खाकर ‘हिन्दव सहोदरा सर्वे न हिन्दु पतितो भवेता…’ का संदेश दे रहे थे। दूसरी झांकी में बालक वनवासियों का रूप धरके अपने धर्म की रक्षा के लिए प्रयासरत दिखें। महाराणा प्रताप सीना ताने घोडे पर सवार होकर प्राणों से प्रिय अपनी प्रजा के साथ आगे बढते ही जा रहे थे। एक झांकी में युद्धकला से परिचय कराया गया। भारत माता की रक्षा में सीना ताने खडे सेनिक बच्चें सर्जिकल स्टाइक की याद ताजा कर गए।
इस अवसर पर अनेक झांकियों में राजस्थानी लोकनृत्यों की भी झलक देखने को मिली। रंगबिरंगी वेशभूषा पहने विद्या भारती के कार्यकर्ता ‘पधारो म्हार देश…’ जैसे अनेक राजस्थानी गीतों पर लोक नृत्य करते हुए आगे बढ रहे थे। जो भी देखा गदगद हुए बिना नहीं रह सका। शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरी इस शोभायात्रा का जगह—जगह भव्य स्वागत हुआ। स्वागत में गगनभेदी उद्घोष लगाए गए। शोभायात्रा पुन:रामनिवास बाग पहुंचकर सम्पन्न हुई।
समापन आज
तीन दिवसीय ‘समरसता संगम’ कार्यक्रम का समापन रविवार प्रात: 11:30 बजे होगा। समरसता का संदेश जन—जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम के समापन समारोह के मुख्य वक्ता विद्या भारती के केन्द्रीय सह—संगठन मंत्री श्री यतीन्द्र शर्मा होंगे।