शुक्रवार को राणा सांगा स्मृति समिति, खानुआ के द्वारा राणा सांगा स्मृति समारोह का आयोजन किया गया। आयोजन का प्रारम्भ वंदे मातरम के गायन से किया गया। कार्यक्रम में मंचासीन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन राव भागवत का स्वागत राजस्थान की पर्यटन राज्यमंत्री कृष्णेन्द्र कौर दीपा द्वारा पुष्पगुच्छ देकर किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित पुरातत्व संरक्षण समिति के अध्यक्ष ओंकार लखावत ने राणा सांगा स्मारक व राजस्थान के प्रमुख ऐतिहासिक धरोहरों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के अध्यक्ष संत बाबा बालकदास ने कहा कि ईश्वर मनुष्य का भाग्य बनाता है और संघ मनुष्य का सौभाग्य बनाता है।
कार्यक्रम में मुख्यवक्ता के रूप में बोलते हुए सर संघचालक मोहन राव भागवत ने कहा कि खानवा की भूमि अपने शौर्य और वीरता के लिए जानी जाती है। प्रत्येक राष्ट्रवादी भारतीय का प्रथम धर्म भारत माता की रक्षा करना होता है।
पूजनीय सरसंघचालक जी ने हसन मेवाती खान का उदहारण देते हुए कहा कि राष्ट्र की रक्षा के लिए बाबर के छक्के छुड़ाने वाले वीर ने अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा हमें अपने धर्म की रक्षा और मातृभूमि की रक्षा के लिए जागृत रहने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर राणा सांगा पर डाक टिकट भी जारी किया गया।
गौरतलब है की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत 20 फरवरी से राजस्थान क्षेत्र के प्रवास पर आयें हैं। वे 20 से 23 फरवरी तक भरतपुर में क्षेत्र की विभिन्न बैठक में भाग लेने पहुंचे हैं। इसके तुरंत बाद 24 फरवरी को जयपुर में होने वाले संत समागम में शामिल होंगे।
अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद