
शेखर सेन को पद्मश्री सहित अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार तथा राज्य स्तर के पुरस्कार मिल चुके हैं। शेखर सेन ने संगीत निर्देशक के रूप में कैरियर की शुरुआत की और फिर भजनों के संगीत निर्देशन की ओर मुड़े। उन्होंने गायक, गीतकार एवं संगीतकार के रूप में अनेक भजन एल्बम दिए हैं। शेखर सेन ने अनुसंधान मुखी संगीत कार्यक्रम भी किए हैं। इनमें ‘दुष्यंत ने कहा था’, ‘मध्ययुगीन काव्य’, ‘पाकिस्तान का हिंदी काव्य’, ‘मीरा से महादेवी तक’ शामिल हैं। शेखर सेन की प्रस्तुतियों को भारत में तथा अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, सूरीनाम, सिंगापुर, जर्काता, हांगकांग, दक्षिण अफ्रीका, संयुक्त अरब अमीरात, मारीशस एवं त्रिनिदाद में काफी सराहा गया है।
शेखर सेन ने अनेक गायन कंसड में अपना प्रस्तुतिकरण दिया है। उन्होंने मोनो अभिनय संगीत नाटक ‘कबीर’ लोकसभा में भी पेश किया। उनके एकल अभिनय संगीत नाटक की भारत और विदेशों में काफी प्रशंसा हुई है। भारत के राष्ट्रपति ने कला के क्षेत्र में शेखर सेन को पद्मश्री पुरस्कार देने की स्वीकृति दी है। उन्हें उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी ने 2001 में थियेटर के क्षेत्र में योगदान के लिए सफदर हासमी पुरस्कार प्रदान किया था। महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी ने उन्हें 2008 में व्ही शांताराम सम्मान दिया।