गणपति विसर्जन पर अघोषित रोक

सामूहिक गणपति विसर्जन पर अघोषित रोक

जयपुर, 10 सितम्बर।भगवान गणेश जन्मोत्सव का समापन, 10 दिन बाद चतुर्दशी को पवित्र सरोवर में विसर्जन के बाद संपन्न होता है, लेकिन जयपुर शहर में इस बार प्रशासन ने, सामूहिक गणपति विसर्जन पर अघोषित रोक लगा दी, जिस कारण जयपुर के प्रमुख जलाशय मावठा सरोवर सहित सभी जगह पर पुलिस का कड़ा पहरा रहा और प्रतिमा विसर्जन करने वाले श्रद्धालु दर दर भटकते रहे।


जयपुर में गणेश प्रतिमा विसर्जन का मुख्य स्थान आमेर स्थित पवित्र मावठा सरोवर ही रहता है, कोरोना काल से पूर्व यहां पर बड़े धूमधाम से श्रद्धालु गणपति विसर्जन किया करते थे, श्रद्धालु जुलूस के रूप में ढोल नगाड़े डीजे की धुन पर नाचते गाते हुए मावठा सरोवर की पाल पर आते, फिर गणपति की अंतिम पूजा पाठ कर पवित्र पवित्र जलाशय में विसर्जन करते थे, और अंतिम जयकारा लगाते थे ‘गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ’। लेकिन इस बार श्रद्धालु यह नारा नहीं लगा पाए और यही सोचते रहे गणपति बप्पा इस बार विसर्जन नहीं हो पारहा अगली बार कैसे आओगे। गणपति विसर्जन करने वाले श्रद्धालुओं को इस बार सरकार के तुगलकी फरमान के कारण सुरक्षाकर्मियों से जगह जगह गणपति विसर्जन के लिए बहस करनी पड़ी। लेकिन सुरक्षाकर्मी सरकारी आदेश का बहाना करते हुए श्रद्धालुओं को, तालकटोरा, जल महल, मावठा सरोवर, आमेर के छोटे- बड़े सागर सरोवर में गणपति विसर्जन करने से रोक दिया, एवं कड़ी सुरक्षा व्यवस्था प्रबंध किया था, जिसके कारण श्रद्धालु गणपति विसर्जन नहीं कर पाए एवं श्रद्धालु गणपति प्रतिमा के साथ दिन भर इधर-उधर भटकते रहे। अधिकांश श्रद्धालुओं ने आमेर कस्बे में, स्टेडियम के पीछे भरे बारिश के पानी को ही तालाब समझ कर गणपति प्रतिमाओ विसर्जन कर दुखी मन से अपने घर लौटे।

 

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