Tagged: संघ

अथातो बिंब जिज्ञासा’ विवेक जगाने वाला ग्रंथ – डॉ. मोहन भागवत जी 0

अथातो बिंब जिज्ञासा’ विवेक जगाने वाला ग्रंथ – डॉ. मोहन भागवत जी

विश्व को भारत की परंपराओं से प्राप्त ज्ञान की आवश्यकता है पुणे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि वर्तमान में विश्व विभिन्न मार्गों पर लड़खड़ा रहा है, रुका...

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हमारे जगदेव राम जी

‘बने हम हिन्द के योगी, धरेंगे ध्यान भारत का‘ छत्तीसगढ़ राज्य के जशपुर नगर के पास बसा एक छोटा सा जनजाति गांव कोमडो. 8 अक्तूबर, 1949 को इसी छोटे गांव के अघनु राम और बुचुबाई...

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पुरी – रथयात्रा के दौरान 1500 से अधिक स्वयंसेवकों ने सेवा कार्यों में सहभागिता की

पुरी रथयात्रा के दौरान स्वयंसेवकों ने 10 प्रकार की सेवाएं करवाई उपलब्ध पुरी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रेरित उत्कल बिपन्न सहायता समिति की ओर से विश्व प्रसिद्ध पुरी रथयात्रा के दौरान स्वयंसेवकों ने 10 प्रकार...

मनुष्यता का विकास ही मनुष्य का विकास है – डॉ. मोहन भागवत जी 0

मनुष्यता का विकास ही मनुष्य का विकास है – डॉ. मोहन भागवत जी

आर्थिक साधन और अधिकार प्राप्त कर लेना विकास नहीं कहलाता भोपाल. मध्यभारत प्रांत के बनखेड़ी में आयोजित ‘नर्मदांचल सुमंगल संवाद’ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने विकास की भारतीय...

‘पंच परिवर्तन आज समाज की आवश्यकता’ 0

‘पंच परिवर्तन आज समाज की आवश्यकता’

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के निमित्त क्या विशेष लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं? राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्य निरंतर बढ़ रहा है. इस दृष्टि से समाज प्रबोधन और आसुरी ताकतों की चुनौतियों...

अनुकूलता में अपनी गति बढ़ाकर विजयी बनें – डॉ. मोहन भागवत जी 0

अनुकूलता में अपनी गति बढ़ाकर विजयी बनें – डॉ. मोहन भागवत जी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि अनुकूल परिस्थितियों में विश्राम करने वाला हार जाता है, जबकि अपनी गति बढ़ाकर कार्य करने वाले को विजयश्री मिलती है. खरगोश और...

घुमंतू समाज के ज्ञान से पूरे समाज को लाभ हुआ – डॉ. मोहन भागवत जी 0

घुमंतू समाज के ज्ञान से पूरे समाज को लाभ हुआ – डॉ. मोहन भागवत जी

जालना. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि घुमंतू समाज अपने व्यवसाय के लिए नहीं, बल्कि धर्म के लिए जीता है. घुमंतू समाज के ज्ञान से पूरे समाज को...

हमारे प्राचीन ज्ञान और आधुनिक ज्ञान को कम करके आंकना उचित नहीं – डॉ. मोहन भागवत जी 0

हमारे प्राचीन ज्ञान और आधुनिक ज्ञान को कम करके आंकना उचित नहीं – डॉ. मोहन भागवत जी

भारत का स्वास्थ्य मॉडल ‘वाणिज्य’ नहीं ‘सेवा’ है – डॉ. मनसुख मांडविया लातूर, देवगिरी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि भारत पहले एक विकसित जीवन जीता था. हमने...

एक युग की समाप्ति 0

एक युग की समाप्ति

इक्कीसवीं सदी में जिनधर्म के मूर्तिमान स्वरूप, जिनवाणी के अनन्य साधक, अनेकांत एवं स्याद्वाद के दिव्य प्रवर्तक, जैन आदर्शों को अपनी चर्या से प्रतिपादित करने वाले युग दृष्टा, संत शिरोमणि आचार्य प्रवर श्री विद्यासागर...

शुभ घड़ी में विराजे रघुराई… 0

शुभ घड़ी में विराजे रघुराई…

— 84 सेकेंड के अभिजीत मुहूर्त में हुई ‘रामलला’ मूर्ति की प्राण—प्रतिष्ठा — देशवासियों के छलके आंसू जब देखी राम की सौम्य,अद्भुत छवि — प्रतिष्ठा समारोह में दिखी सामाजिक समरसता जयपुर। सदियों से भारतवासियों...