Tagged: संवर्धिनी

भारतीय जीवन दृष्टि कर्तव्य प्रधान – भाग्यश्री साठे 0

भारतीय जीवन दृष्टि कर्तव्य प्रधान – भाग्यश्री साठे

भारतीय जीवन दृष्टि कर्तव्य प्रधान है न कि पुरुष या स्त्री प्रधान – भाग्यश्री साठे जयपुर 20अगस्त। स्त्री शक्तिस्वरूपा है क्योंकि उसमें सृजन की क्षमता है। हमारी जीवन दृष्टि कर्तव्य प्रधान है न कि...