Tagged: सरसंघचालक

अथातो बिंब जिज्ञासा’ विवेक जगाने वाला ग्रंथ – डॉ. मोहन भागवत जी 0

अथातो बिंब जिज्ञासा’ विवेक जगाने वाला ग्रंथ – डॉ. मोहन भागवत जी

विश्व को भारत की परंपराओं से प्राप्त ज्ञान की आवश्यकता है पुणे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि वर्तमान में विश्व विभिन्न मार्गों पर लड़खड़ा रहा है, रुका...

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सामाजिक परिवर्तन के पंच उपक्रम को समाज तक पहुंचाने पर होगी चर्चा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक 12 से 14 जुलाई तक रांची में  रांची. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक 12 से 14 जुलाई तक रांची के सरला...

मनुष्यता का विकास ही मनुष्य का विकास है – डॉ. मोहन भागवत जी 0

मनुष्यता का विकास ही मनुष्य का विकास है – डॉ. मोहन भागवत जी

आर्थिक साधन और अधिकार प्राप्त कर लेना विकास नहीं कहलाता भोपाल. मध्यभारत प्रांत के बनखेड़ी में आयोजित ‘नर्मदांचल सुमंगल संवाद’ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने विकास की भारतीय...

संघ शिक्षा वर्ग के पाठ्यक्रम में बदलाव 0

संघ शिक्षा वर्ग के पाठ्यक्रम में बदलाव

नागपुर, 15 मार्च। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आद्य सरसंघचालक डॉ. केशव बळिराम हेडगेवार ने कहा था कि, “संघ सम्पूर्ण समाज का संगठन है”। इसका अनुभव हम गत 99 वर्षों से कर रहे हैं। वर्ष...

अनुकूलता में अपनी गति बढ़ाकर विजयी बनें – डॉ. मोहन भागवत जी 0

अनुकूलता में अपनी गति बढ़ाकर विजयी बनें – डॉ. मोहन भागवत जी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि अनुकूल परिस्थितियों में विश्राम करने वाला हार जाता है, जबकि अपनी गति बढ़ाकर कार्य करने वाले को विजयश्री मिलती है. खरगोश और...

शुद्ध चारित्र्य के कारण राम विजयी हुए – डॉ. मोहन भागवत जी 0

शुद्ध चारित्र्य के कारण राम विजयी हुए – डॉ. मोहन भागवत जी

नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि मनुष्य में सत्व, राजस एवं तमस, ऐसे तीन गुण वास करते हैं. हम जब उपासना करते हैं, उस समय निश्चित ही...

घुमंतू समाज के ज्ञान से पूरे समाज को लाभ हुआ – डॉ. मोहन भागवत जी 0

घुमंतू समाज के ज्ञान से पूरे समाज को लाभ हुआ – डॉ. मोहन भागवत जी

जालना. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि घुमंतू समाज अपने व्यवसाय के लिए नहीं, बल्कि धर्म के लिए जीता है. घुमंतू समाज के ज्ञान से पूरे समाज को...

हमारे प्राचीन ज्ञान और आधुनिक ज्ञान को कम करके आंकना उचित नहीं – डॉ. मोहन भागवत जी 0

हमारे प्राचीन ज्ञान और आधुनिक ज्ञान को कम करके आंकना उचित नहीं – डॉ. मोहन भागवत जी

भारत का स्वास्थ्य मॉडल ‘वाणिज्य’ नहीं ‘सेवा’ है – डॉ. मनसुख मांडविया लातूर, देवगिरी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि भारत पहले एक विकसित जीवन जीता था. हमने...

शुभ घड़ी में विराजे रघुराई… 0

शुभ घड़ी में विराजे रघुराई…

— 84 सेकेंड के अभिजीत मुहूर्त में हुई ‘रामलला’ मूर्ति की प्राण—प्रतिष्ठा — देशवासियों के छलके आंसू जब देखी राम की सौम्य,अद्भुत छवि — प्रतिष्ठा समारोह में दिखी सामाजिक समरसता जयपुर। सदियों से भारतवासियों...

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमित्त प. पू. सरसंघचालक जी का लेख 0

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमित्त प. पू. सरसंघचालक जी का लेख

हमारे भारत का इतिहास पिछले लगभग डेढ़ हजार वर्षों से आक्रांताओं से निरंतर संघर्ष का इतिहास है। आरंभिक आक्रमणों का उद्देश्य लूटपाट करना और कभी-कभी (सिकंदर जैसे आक्रमण) अपना राज्य स्थापित करने के लिए...