राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज परिवर्तन का आंदोलन है. संघ के कार्यकर्ता समाज जागरण के कार्य में संलग्न हैं. संघ मानता है कि देश का आम जनमानस जब तक खड़ा नहीं होगा, तब तक देश का परिवर्तन संभव नहीं. बाकि सब बदलाव सहायक होते हैं, किंतु स्थायी परिवर्तन जनमानस के जागृत होने पर आता है. संघ शाखा के माध्यम से व्यक्ति निर्माण का कार्य करता है. इसके साथ ही देश की सभी सज्जन शक्तियों के माध्यम से अपने देश को शीर्ष पर ले जाने के लिए हम प्रयासरत हैं. वे महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के संघ शिक्षा वर्ग (प्रथम वर्ष) के प्रकट समारोह में संबोधित कर रहे थे. समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रख्यात अभिनेता एवं संस्कार भारती, मध्य प्रांत के अध्यक्ष राजीव वर्मा जी उपस्थित रहे.
क्षेत्र प्रचारक दीपक जी ने कहा कि संघ को जो जिस रूप में देखता है, उस रूप में उसकी कल्पना करता है. कोई संघ को सेवा कार्य करने वाला संगठन मानता है, कोई मैदान पर खेल-कूद करने वाले बच्चों का संगठन तो कोई और कुछ मानता है. किंतु, संघ वास्तव में सामाजिक परिवर्तन का आंदोलन है. संघ ने अपने प्रारंभ से ही तय किया हुआ है कि वह अकेला नहीं चलेगा. वह समाज को साथ लेकर चलेगा. समाज जागरण का कार्य भी समाज की सज्जनशक्ति को साथ लेकर करेगा. संघ किसी के विरोध में खड़ा नहीं हुआ है. संघ सबको साथ लेकर चलने के लिए खड़ा हुआ है. इसलिए संघ अनेक प्रकार के आरोप-प्रत्यारोप में नहीं पड़ता. हम मानते हैं कि समूचा समाज ही हमारा अपना है.
उन्होंने कहा कि आपातकाल में संघ पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. समाचार-पत्र भी सरकार की अनुमति के बिना कुछ लिख नहीं सकते थे. ऐसी कठिन परिस्थितियों में संघ ने संवैधानिक मर्यादा में रहकर आपातकाल का पुरजोर विरोध किया. हजारों की संख्या में स्वयंसेवक जेल गए.
उन्होंने कहा कि भारत के हिन्दुत्व की सराहना दुनिया में हो रही है. सत्य की निरंतर खोज ही हिन्दुत्व है. हमें वैश्विक सोच रखनी चाहिए और उसे स्थानीय स्तर पर क्रियान्वित करना चाहिए. सक्रिय होकर भारत के प्रति कार्य करने की भावना हम सबको रखनी चाहिए. ऋग्वेद में लगभग 33 बार आर्य शब्द का उल्लेख है. आर्य अर्थात् श्रेष्ठ. हम सब मिलकर दुनिया को श्रेष्ठ बनाने का कार्य करेंगे.
आपके हाथों में सुरक्षित है राष्ट्र – राजीव वर्मा
मुख्य अतिथि राजीव वर्मा जी ने कहा कि हम जैसे अनेक लोग निश्चिंत हैं क्योंकि अपना राष्ट्र आपके हाथों में सुरक्षित है. जब वह बचपन में क्रिकेट खेलने मैदान पर जाते थे, तब वहाँ संघ की शाखा को देखते थे. संघ और उसकी शाखा के प्रति तबसे एक आकर्षण मन में रहा. यह पहला अवसर है जब में संघ के इस प्रकार के किसी कार्यक्रम में शामिल हुआ हूँ. युवा स्वयंसेवकों का उत्साह, अनुशासन और सामूहिकता ने मुझे प्रभावित करने के साथ एक विश्वास भी मन में जगाया है कि यह युवा पीढ़ी देश को आगे ले जाएगी. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे अधिक युवा देश है. हमारे पास युवा जनसंख्या सबसे अधिक है. यह हमारी ताकत है. यह युवा जनसंख्या हमारी कमजोरी भी बन सकती है. यदि युवाओं को सही दिशा का बोध नहीं कराया जाएगा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को देख कर एक विश्वास उत्पन्न होता है कि भारत का युवा पथभ्रमित नहीं हो सकेगा. युवाओं को पाथेय देने के लिए संघ है. युवाओं को संस्कारित करने वाला और उन्हें अपनी जड़ों से जोडऩे वाला, संघ अब हर क्षेत्र में उपस्थित है. उन्होंने दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित व्याख्यानमाला का भी जिक्र किया. सरसंघचालक जी ने दो दिन में जिस प्रकार से विषय रखे, सच में उनसे स्पष्ट होता है कि संघ भारत को कहाँ देखना चाहता है.
संघ शिक्षा वर्ग के प्रकट समारोह में युवा शिक्षार्थियों ने 20 दिन में जो सीखा था, उसको विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सबके समक्ष प्रस्तुत किया. युवाओं ने पथसंचलन, घोष, समता, योग, सूर्य नमस्कार, नियुद्ध, पदविन्यास और गीत की सामूहिक प्रस्तुति दी. इस अवसर पर मंच पर मध्यभारत प्रांत के संघचालक सतीश पिंपलीकर, वर्गाधिकारी श्री दीपक खड्डर उपस्थित थे. कार्यक्रम में नगर के गणमान्य नागरिक एवं मातृशक्ति भी उपस्थित रही.